पूर्व उपराष्ट्रपति एवं राज्य के CM भैरोंसिंह शेखावत का स्वभाव और परिचय
राजनीतिक तौर पर एक दबंग नेता माने जाने वाले देश के पूर्व उपराष्ट्रपति एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे भैरोंसिंह शेखावत का स्वभाव इस प्रकार था की लोगो से मिलने और उनके संपर्क में रहने में माहिर माने जाते थे। उन्हें प्रदेश के हर कस्बे एवं गांव की जानकारी मालूम थी। कहां क्या खाने की चीजें प्रसिद्ध है। कोई आता तो उनसे वहां के लोगों के नाम लेकर ही हाल-चाल पूछते। वर्ष 2002 से 2007 तक भैरोंसिंह शेखावत देश के उपराष्ट्रपति रहे।
भैरोंसिंह शेखावत का निधन 15 मई 2010 को हो गया था। जब भी भाजपा पार्टी संकट में फंसी इनका पुराना राजनीतिक अनुभव पार्टी के काम आया। ऐसे शख्स थे पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत। राजस्थान के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री और लोगों के बीच बाबोसा के नाम से मशहूर भैरोंसिंह शेखावत की आज पुण्यतिथि हैं। इस मौके पर जानिए उनके जीवन से जुड़े रोमांचक किस्से, उनकी परछाही की तरह साथ रहे वाले पूर्व IPS बहादुर सिंह राठौड़ की किताब ‘धरती-पुत्र भैरों सिंह शेखावत’ से।इस किताब का विमोचन सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे करेंगी।
भैरोंसिंह शेखावत हेलिकॉप्टर से उतरते ही सुरक्षा अधिकारी को सेवड़े नमकीन लाने को कहा |
जसवंत सिंह जसोल चित्तौड़ से वर्ष 91 से 98 दो बार सांसद में रहे। सादड़ी में सभा करने पहुंचे शेखावत ने हेलिकॉप्टर से उतरते ही अपने सुरक्षा अधिकारी से कहा कि उस दुकान के सेवड़े नमकीन प्रसिद्ध हैं, वो मंगवाना। सभा के बाद जैसे ही हेलिकॉप्टर में पहुंचे तो सेवड़े तैयार मिले। हेलिकॉप्टर में शेखावत-जसोल एक दुसरे के सामने बैठे थे।
शेखावत ने थैली से सेवड़े निकालकर जसोल को दिये। हमेशा गंभीर मुद्रा में रहने वाले जसोल बोले कि इसमें क्या है? CM शेखावत ने कहा कि यहां कि लोकल नमकीन है। जसोल ने लेने से मना कर दिया। शेखावत बोले कि आप कुछ समझते ही नहीं हो, इनमें वोट हैं। और फिर खुद मजे लेते हुए सेवड़े खाने लगे।
गणित कहती है 3 लाख वोटों से हारेंगे, फिर भी राष्ट्रपति चुनावों में डटे रहे
राष्ट्रपति चुनाव में शेखावत को NDA का प्रत्याशी बनाया गया। शिव सेना ने मराठी मानुष की बात कह कर शेखावत के समर्थन देनें से मना कर दिया। शरद पवार ने भी हाथ खींच लिया (साथ नहीं दिया) और बेटी के हाथों संदेश पहुंचाया। ऐसे में नाम वापसी के एक दिन पहले राज्यसभा सांसद नारायण सिंह माणकलाव सहित उनके समर्थकों ने शेखावत को बताया कि 3 लाख से हरने का गणित बैठ रहा है।
CM शेखावत ने तत्काल सुषमा स्वराज, जनता दल के दिग्विजय सिंह और SS अहलुवालिया को बुलाया और Calculation बताई। इससे दिग्विजय सिंह गुस्से में आ गए। बोले-हम तीसरी प्रत्याशी लाएंगे। प्रिफरेंशियल वोट होगा और फिर जीत जाएंगे। हालांकि,CM शेखावत उनकी बातों से संतुष्ट नहीं दिखे, लेकिन NDA की इज्जत के सवाल पर चुनाव में डटे रहे।
जयपुर में अफवाह फेल गयी , गुजरात जा रहा प्लेन क्रेश हो गया
यह किस्सा चुनाव प्रचार का है, एक बार भैरोंसिंह शेखावत को गुजरात के डीसा में सभा करने जाना था। Single ईंजन एवं Single पायलट का प्लेन अहमदाबाद से आया। पांच हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ने वाले ऐसे विमानों के लिए ATC की परमिशन नहीं लेनी होती थी।
उदयपुर से ईंधन लेकर डीसा के लिए विमान उड़ा, लेकिन जहां उतरना था वहाँ पायलट को उतरने के लिए जगह मिल नहीं रही थी। पायलट भी डर गया। काफी समय बीतने के बाद प्लेन को अहमदाबाद उतारा गया। वहां उतरते ही शेखावत ने जयपुर फोन किया, सामने से आवाज आई यहां तो अफवाह फैल गई कि आपका प्लेन क्रेश हो गया। यहां से दूसरा प्लेन लेकर सभास्थल तक पंहुचा दिया हैं ।
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