Cyclone Mocha update: 12 मई रात के मध्य और इससे दक्षिण बंगाल की खाड़ी के ऊपर गंभीर तूफान में बदल गया है। इसका असर दुनिया के सबसे बड़े रिफ्यूजी कैंप पर भी पड़ सकता है। WMO के मुताबिक, साइक्लोन के चलते अगर बाढ़ होता है तो ये बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर पर स्थित रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप को तबाह कर सकता है।
इस रिफ्यूजी कैंप में 8 लाख 80 हजार रोहिंग्या रहते हैं। IMD ने बताया कि चक्रवाती तूफान बीते 6 घंटों में 15 किमी प्रति घंटे कीरफ़्तार से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ा। रविवार की दोपहर तूफान के बांग्लादेश के कॉक्स और म्यांमार के क्यौकप्यू को पार करने की आशंका है। इस दौरान हवा की रफ़्तार 150-160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से 175 किमी प्रति घंटा हो सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि वो रिफ्यूजी कैंप के लिए 33 मेडिकल टीमों, 40 एंबुलेंस के साथ-साथ इमरजेंसी और हैजा किट भेजने की तैयारी कर रहा है। वहीं म्यांमार के रखाइन राज्य में निचले इलाकों के निवासी 12 मई को अपने घरों को छोड़कर राजधानी सितवे में आ गए। इसके अलावा करीब 1 हजार लोग मठ में रुकने लेने की तैयारी कर रहे हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि तूफान अब उत्तर पूर्व की ओर बढ़ गया है। अंडमान-निकोबार, बंगाल और ओडिशा में अलर्ट जारी किया गया है। खतरे को देखते हुए बंगाल के दीघा में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की 8 टीमों और 200 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं, 100 सुरक्षा कर्मियों को रिजर्व में रखा गया है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के सीनियर वैज्ञानिक संजीव द्विवेदी ने ताजा अपडेट शेयर करते हुए बताया कि तूफान फिर हल्के से उठेगा। शुक्रवार को यह अपने चरम पर होगा।। हालांकि मौसम विज्ञान लगातार इसकी निगरानी कर रहा है।
मौसम विभाग ने मछुआरों और शिप्स को 14 मई तक मध्य और उत्तरपूर्व बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में ना जाने की सलाह दी है। वहां पहले से मौजूद जहाजों को तट पर लौटने के लिए कहा गया है। साइक्लोन की वजह से त्रिपुरा और मिजोरम में 13 मई को भारी बारिश होने की संभावना है।
बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन तूफान का असर 12 मई की देर रात पश्चिम बंगाल और ओडिशा पहुंचेगा। इस दौरान 80 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से हवा चलेगी। इसके प्रभाव से पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तेज बारिश होने के आसार है। साइक्लोन तूफान के असर से कटिहार, किशनगंज, भागलपुर, जमुई में बारिश होने के आसार है
IMD के मुताबिक, तूफान 14 मई को उत्तर-उत्तरपूर्व में मुड़ जाएगा। तूफान बांग्लादेश के कॉक्स और म्यांमार के सित्तवे शहर के बीच लैंडफॉल करने की उम्मीद है। इस दौरान 175 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चलेंगी।